Urdu - "Words of Life & Gospel Songs(M)".3gp / 3gp."اردو - "زندگی کے الفاظ اور انجیل کے گانے(M) //
1 कुरिंथियों 13मुहब्बत1अगर मैं इनसानों और फ़रिश्तों की ज़बानें बोलूँ, लेकिन मुहब्बत न रखूँ तो फिर मैं बस गूँजता हुआ घड़ियाल या ठनठनाती हुई झाँझ ही हूँ। 2अगर मेरी नबुव्वत की नेमत हो और मुझे तमाम भेदों और हर इल्म से वाक़िफ़ियत हो, साथ ही मेरा ऐसा ईमान हो कि पहाड़ों को खिसका सकूँ, लेकिन मेरा दिल मुहब्बत से ख़ाली हो तो मैं कुछ भी नहीं।
3अगर मैं अपना सारा माल ग़रीबों में तक़सीम कर दूँ बल्कि अपना बदन जलाए जाने के लिए दे दूँ, लेकिन मेरा दिल मुहब्बत से ख़ाली हो तो मुझे कुछ फ़ायदा नहीं।4मुहब्बत सब्र से काम लेती है, मुहब्बत मेहरबान है। न यह हसद करती है न डींगें मारती है। यह फूलती भी नहीं।
5मुहब्बत बदतमीज़ी नहीं करती न अपने ही फ़ायदे की तलाश में रहती है। यह जल्दी से ग़ुस्से में नहीं आ जाती और दूसरों की ग़लतियों का रिकार्ड नहीं रखती।
6यह नाइनसाफ़ी देखकर ख़ुश नहीं होती बल्कि सच्चाई के ग़ालिब आने पर ही ख़ुशी मनाती है।
7यह हमेशा दूसरों की कमज़ोरियाँ बरदाश्त करती है, हमेशा एतमाद करती है, हमेशा उम्मीद रखती है, हमेशा साबितक़दम रहती है।8मुहब्बत कभी ख़त्म नहीं होती। इसके मुक़ाबले में नबुव्वतें ख़त्म हो जाएँगी, ग़ैरज़बानें जाती रहेंगी, इल्म मिट जाएगा।
9क्योंकि इस वक़्त हमारा इल्म नामुकम्मल है और हमारी नबुव्वत सब कुछ ज़ाहिर नहीं करती।
10लेकिन जब वह कुछ आएगा जो कामिल है तो यह अधूरी चीज़ें जाती रहेंगी।11जब मैं बच्चा था तो बच्चे की तरह बोलता, बच्चे की-सी सोच रखता और बच्चे की-सी समझ से काम लेता था। लेकिन अब मैं बालिग़ हूँ, इसलिए मैंने बच्चे का-सा अंदाज़ छोड़ दिया है।
12इस वक़्त हमें आईने में धुँधला-सा दिखाई देता है, लेकिन उस वक़्त हम रूबरू देखेंगे। अब मैं जुज़वी तौर पर जानता हूँ, लेकिन उस वक़्त कामिल तौर से जान लूँगा, ऐसे ही जैसे अल्लाह ने मुझे पहले से जान लिया है।13ग़रज़ ईमान, उम्मीद और मुहब्बत तीनों क़ायम रहते हैं, लेकिन इनमें अफ़ज़ल मुहब्बत है।
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